मेरी
बात हर, तेरा ज़िक्र है
मेरी
जान तू, तेरी फ़िक्र है
है
खुशनुमां, मेरा हमज़िगर
दिल बेकरार,
बेसब्र है
तेरे
इश्क़ का
ऐसा जुनूं देखा नहीं
अब तक कहीं
तेरे
हुस्न की कुछ खुशबुएँ, मेरे ज़िस्म को छूकर गयीं
इश्क़
है, ये इश्क़ है, तेरे हुस्न का ये इश्क़ है
तूने ही
बढ़ाई, मेरी आशिक़ी
में शिद्दत
तेरे
पास आकर जाना, बेहतर है मेरी किस्मत
ये
आसमां और ये ज़मीं
तेरे प्यार में मानों सनीं
ये
तितलियाँ और हर कली
तेरे रंग
में मानों मिलीं
इश्क़
है, ये इश्क़ है, तेरे हुस्न का ये इश्क़ है
तू जो
मिला मुझे सब मिला
या रब
मेरे, तेरा शुक्र
है
मेरे रहनुमां, मेरे
हमसफ़र
मेरी शान
तू, मेरा फ़ख्र है
इश्क़
है, ये इश्क़ है, तेरे हुस्न का ये इश्क़ है
तूने ही
बढ़ाई, मेरी आशिक़ी
की शिद्दत
तेरे
पास आकर जाना, बेहतर है मेरी किस्मत
तुझे
जब मिला, तब हूँ खिला
मुझे याद
है हर सिलसिला
तेरी दिल्लगी,
तेरी बन्दगी
मेरी आशिक़ी का
हर शिला
इश्क़
है, ये इश्क़ है, तेरे हुस्न का ये इश्क़ है
मेरी
जान, जानें जाना, किया इंतज़ार अबतक
तेरा
साथ ही जुनूं है, सारी मुश्किलों की हदतक
हर
फूल में, हर ख्वाब में, बस तेरी ही तस्वीर है
कहीं आसमां, कहीं
है ज़मीं, कहीं राझना कोई हीर है
कभी
हमज़ुबां, कभी हमनशीं कभी नैनों का तू नीर है
मेरी शोहरतें, मेरी
हसरतें, मेरे दिल की तू ज़ागीर है
इश्क़
है, ये इश्क़ है, तेरे हुस्न का ये इश्क़ है
तूने ही
बढ़ाई, मेरी आशिक़ी
की शिद्दत
तेरे
पास आकर जाना, बेहतर है मेरी किस्मत
तेरी
हर अदा, पे दिल फ़िदा, तेरे इश्क़
का छाया नशा
हर शय
तेरा दीदार हो,
रग–रग में तू
छाया बसा
तेरी याद
में खोया कभी, कभी
रात भर यूँ
ही जगा
तुझे
सोंचकर कभी गम मिला, खुलकर कभी जी भर हँसा
इश्क़
है, ये इश्क़ है, तेरे हुस्न का ये इश्क़ है
तूने ही
बढ़ाई, मेरी आशिक़ी
की शिद्दत
तेरे
पास आकर जाना, बेहतर है मेरी किस्मत
तुझे
माँगता रहा मैं, उम्मीद
की दर-ब-दर
तुझे
चाहता रहा मैं, रहा अश्कों से तर-ब-तर
ज़िंदगी,
ये ज़िंदगी, मेरी ज़िंदगी का ज़श्न है
इश्क़
है, ये इश्क़ है, तेरे इश्क़ का ये हुस्न है
ये दिलकशी, मेरी
हर ख़ुशी, इस दिल का ये आवारापन
कभी
इस गली, कभी उस कली, इस इश्क़ का बंजारापन
मिलता
बड़ी मुश्किल से है, हम जैसा ये दीवानापन
मेरी चाहतों
में है जुनूं,
मेरा हर जुनूं
परवानापन
इश्क़
है, ये इश्क़ है, तेरे हुस्न का ये इश्क़ है
तूने ही
बढ़ाई, मेरी आशिक़ी
की शिद्दत
तेरे
पास आकर जाना, बेहतर है मेरी किस्मत
तेरी
खूबियाँ, तेरी ख़ामियाँ, मेरे इश्क़ का हैं आशियां
बाबुल
तेरे बस हैं खफ़ा, जो
हैं जुदा मेरी जातियाँ
अफ़सोस है,
हमें रोष है, क्यों
बेटियाँ हैं दासियाँ
ख़ामोश
है क्यों
ये जहां, यहाँ लग रही
हैं फासियाँ
तूने ही
बढ़ाई, मेरी आशिक़ी
की शिद्दत
तेरे
पास आकर जाना, बेहतर है मेरी किस्मत
इश्क़ है,
ये इश्क़ है, तेरे हुस्न का ये इश्क़ है...................